प थ व क ब य म म क य पर वर तन ह रह ह ?

प थ व क ब य म म क य पर वर तन ह रह ह ?
Anonim

उत तर:

प थ व क कई ब य म त ज स हमल य ग र-मरम मत य ग य पर वर तन क तहत ह ज उनक व न श क क रण बन सकत ह ।

स पष ट करण:

भ र म त र म क र बन ग स क व य म डल म छ ड ज न क पर ण मस वर प प थ व क त पम न खतरन क दर स बढ रह ह । इसस भ म, व य, और प न क त पम न क बढ न और ध र व य बर फ क क प क प घल न क प रभ व पड त ह ।

यह आत म-व द ध क प रव त त प थ व पर हर ब य म क ल ए ध य न द न य ग य पर वर तन क पर ण मस वर प ह । गर म प न सम द र ज नवर, क रल, ज ल फ श और मछल क न व स स थ न क बदल रह ह, ज सस उन प रज त य पर अप र य प रभ व पड सकत ह ज ज व त रह सकत ह और ज नह कर सकत ह ।

ज गल क आग अध क प रम ख और ल ब समय तक बन रह । त फ न और चक रव त अध क ह सक ह । ब ढ अध क आम और गहर ह । य समस य ए म नव सह त ज व म म ज द सभ ज वन क प रभ व त करत ह ।

ब य म क यह पर भ ष त क य गय ह:

प थ व क ब य म म पर वर तन यह द ख ज सकत ह: