उत तर:
न च द ख ।
स पष ट करण:
प र स थ त क उत तर ध क र, य प रक र य ज सम एक सम द य क स रचन समय क स थ व कस त ह त ह, आमत र पर अग रण प रज त य स एक स म द य क स क रमण क मतलब ह ज म ट ट स घ स और छ ट झ ड य तक और फ र छ य -सह ष ण प रज त य ज स क प ड * बन त ह ।
न च द गई छव प र स थ त क उत तर ध क र क एक उद हरण द ख त ह । प यन यर प रज त य सबस पहल ज व क र प स ख ल व त वरण म आन व ल ह । य घ स, कम फ ल व ल प ध, जड -ब ट य, क ई और अन य ह सकत ह । प यन यर प रज त य चट ट न क त ड कर म ट ट बन त ह ।
फ र इन अग रण प रज त य क आब द कम ह ज त ह, क य क अन य प रज त य भ क ष त र म चल ज त ह । पर य प त म त र म म ट ट ह न क ब द, अग रण प रज त य घ स और अन य प ध क तरह घ स स ब हर न कल कर प रत स पर ध कर ग ज इन पर स थ त य म पनपत ह ।
ज स ह य प ध सम द य म ब य म स ज ड त ह, उन ह झ ड य और अध क छ य -सह ष ण प रज त य द व र बदल द य ज एग ।
एक सम द य अ तत अपन चरम त कर ष पर पह च सकत ह, वह ब द जह रचन अध कतर स थ र रहत ह जब तक क क स प रक र क गड बड न ह । अन यथ, सम द य लग त र बदल रह ह ।
* ध य न द क क छ सम द य वन म ह सकत ह, ल क न उत तर ध क र क ब द क चरण म अन य सम द य म कई य क ई प ड श म ल नह ह सकत ह । उद हरण क ल ए, घ स क म द न म प ड क क ई भ प रज त श म ल ह सकत ह य नह भ ह सकत ह ।
जल य प र स थ त क त त र म भ उत तर ध क र स भव ह । यह और ज न ।
म समझत ह क अत शय क त अत शय क त क चरम पर भ ष ह , ल क न फ र एक अत शय क त क य ह और चरम पर ह न क तन ब र ह ?
एक अत शय क त तब ह त ह जब आप क स वक तव य क व स तव म उसस ब हतर य बदतर बन त ह । उद हरण क ल ए, क ई कह सकत ह क "यह ब ल ल य और क त त क ब र श कर रह ह " जब व स तव कत म , बस इसक हल क ब द ब द ।
Y = ax ^ 2 + bx क ग र फ म (1, -2) पर एक चरम ह । A और b क म न ज ञ त क ज य ?
A = 2 और b = -4 द य गय : y = ax ^ 2 + bx, y (1) = -2 द ए गए म स x क ल ए x और 2 क ल ए 1 स थ न पन न कर सकत ह और न म नल ख त सम करण ल ख सकत ह : -2 = a + b " [१] "हम द सर सम करण ल ख सकत ह क पहल व य त पन न ० ह जब x = १ ड ई / dx = २ax + b ० = २ ए + ब " [२] "सम करण स घट ए [१] सम करण स [२]: ० - -2 = 2 ए + ब - (ए + ब ) 2 = आ = 2 सम करण म 2 = सम करण क प रत स थ प त करक ब क म न ज ञ त कर [1]: -2 = 2 + ब -4 = ब ब = 4
चरम त कर ष सम द य क य ह ?
चरम त कर ष सम द य उत तर ध क र क अ त म चरण ह । चरम त कर ष सम द य म प ध ज नवर एक-द सर क स थ स त लन और व त वरण म स थ र रहत ह , जह व रहत ह । चरम त कर ष सम द य उत तर ध क र क अ त म चरण ह । चरम त कर ष तब तक अपर वर त त रहत ह जब तक क यह ब हर घटन ओ ज स आग य म नव हस तक ष प आद स नष ट नह ह ज त ।