द न य भर म स रक षण ज वव ज ञ न य पर वर तम न ध य न क य ह ?

द न य भर म स रक षण ज वव ज ञ न य पर वर तम न ध य न क य ह ?
Anonim

उत तर:

कई फ कस ह, ल क न कई न व स व न श और ह न स स ब ध त ह ।

स पष ट करण:

स रक षण ज वव ज ञ न उन अध ययन और उनक व यक त गत ह त और स स धन क आध र पर व षय क एक भ ड पर ध य न क द र त करत ह । कई न व स स थ न क न कस न और व न श स स ब ध त म द द पर ध य न क द र त कर रह ह, क य क यह द न य भर म प रज त य क ग र वट क प रम ख क रण ह ।

इस न व स स थ न क न कस न क प छ क रण क फ भ न न ह सकत ह: जलव य पर वर तन, प र क त क क ष त र स क ष क ल ए भ म क र प तरण, बढ त शहर करण, त ल और इम रत लकड ज स प र क त क स स धन क ल ए भ म क श षण, उद य ग स प रद षण क क रण उपय क त जल य न व स स थ न क न कस न। इनप ट आद क स क ड त ह मनद क क रण ध र प रव ह त ह न ।

क ई ब त नह, वर तम न म ज य द तर प रज त य क ग र वट और व ल प त ह न क प छ न व स स थ न क न कस न प र थम क क रक ह ।