उत तर:
भ वन ए अवच तन ह हम इस छ प सकत ह ल क न इस न य त र त नह कर सकत ह, ल क न हम न य त र त कर सकत ह क हम एक न श च त स थ त म क स महस स करत ह और द खत ह ।
स पष ट करण:
यह बत त ह क क छ ल ग अपन भ वन ओ क छ प न म अच छ क य ह । भ वन ओ क क र य ओ क म ध यम स द ख और र झ य ज सकत ह, फ र भ इस क र य ओ क न य त र त क य ज सकत ह । हम बदल सकत ह क हम अपन भ वन ओ क स थ क स क म करत ह, महस स करत ह य व यवह र करत ह, ल क न भ वन ए हम श रह ग ।
क य ह त ह अगर अवच तन मन श क ध र मन क शक त य प रद न करत ह , और व स तव म क य म न ज एग ?
क ड शन ग यह हम र ल भ य ह न क आध र पर ह सकत ह क हम अपन च तन मन क क स और क य ख ल त ह । अवच तन मन च तन मन द व र ज ञ न क ब न गत व ध य क सपन , य जन , हल और न ष प द त कर सकत ह । यह भ त क आत म क स म ओ और स म ओ तक स म त नह ह । ह ल क यह स भव ह क च तन मन व यवह र और घटन ओ म प रत र प ग रहण कर और अवच तन मन क क र य क पत लग ए। अध क श समय अवच तन मन अपन गत व ध य म द न य वर ष स च तन मन स आग ह त ह । जब तक आपक च तन मन ट र ड नह उठ सकत तब तक आप एक ल क नह द ख प ए ग और अवच तन मन क उपस थ त और प रभ त व क स व क र नह कर ग । पर ण म उच च ब द ध , रचन त मकत और अध क सफल व यक त ह सकत ह । ह ल क गलत प रश क षण व पर त प रभ व द सकत ह ।
अवच तन क तन मजब त ह ?
बह त स र मन व ज ञ न क स द ध त और अध ययन क आध र पर, यह द ख य गय क अब ज व यक त ह उस पर प र तरह स अवच तन क प रभ व क फ मजब त ह । ब र य द , ट र म, सपन , भय और अन भव आमत र पर अवच तन मन पर रहत ह । व क स क द ष ट क ण, व यक त त व, व यवह र और समग र मन व ज ञ न क प रभ व त कर सकत ह , ज समग रत म हम क न थ , हम अब क न ह ज हम बन सकत ह । ल क न thew अवच तन क ब र म ज गर कत क स व यक त क इस ब त पर थ ड न य त रण द सकत ह क वह अपन ज वन क क स चल सकत ह । हम ब र य द क द र कर सकत ह , आस न स आघ त, प र त य अपन सपन क बदल सकत ह , हम र डर क ज त सकत ह और हम र अन भव स स ख सकत ह ।
क य आप अवच तन च त प र प त कर सकत ह ?
ह , च त अपर ह र य ह , हर क ई च त त महस स कर सकत ह , हर क ई च त क अन भव करत ह । यह प छल अन भव, ह ल क अन भव, चल रह अन भव य आग म अन भव क पर ण म ह सकत ह । च त कह भ आ सकत ह । और च त आमत र पर अवच तन ह , आप इस न य त र त य उसस बच नह सकत ह , ल क न आपक प स इसक न य त रण ह क यह आपक क स प रभ व त कर सकत ह य आप इस क स प रत क र य द ग ।